Story of a Moment
Even today, I remember that moment when I looked carefully at the unknown girl, and the Wish to live with her blossomed in my soul. Even though the girl was a stranger, she still felt like mine to me. The unknown state of that girl seemed to me to be my unknown state.
Even as time passed, I saw that the girl remained in the same position.
Even though I kept moving forward, the girl remained stuck in that unknown state.
I was aware of time passing, and that girl was aware of age passing.
I was moving forward in search of death, full of desire to live, and that girl was sitting in the lap of death, trying to understand life.
Don't know whether that age was of time or those moments were of age. We both had become friends without knowing each other because we had also started loving each other. 'Speak without anything and write without anything' We both became each other's desire and had also vowed to give each other happiness.
One day suddenly:
We both came face to face with each other. I had no idea of time and that girl had no idea of her age.' Sorry, Today that girl was not a girl, she was a woman, but she had no idea of her age. We both were very close to each other - meaning we were face-to-face. Even though we had never seen each other so closely, we were always close to each other.
Today
Wow!
When a game full of surprises came our way, both of our lives changed.
Today I understood how we both were each other's companions.
Today I understood why it was okay for both of us to be together.
Today I understood that we were not each other's companions, we were both the same.
We both were witnesses to each other.
I was her inner life and she was my outer world.
I was her soul and she was my mind, intellect, and body.
Today there was also a meeting of four dimensions.
Today all four dimensions have become one place.
I have always loved this woman of mine, I have always had faith in the state of mind of this woman, the state of the environment, and the worldly condition. Today my journey has been completed, and now I have to set out on my next journey - the journey that 'unites' all life.
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किस्सा एक पल का
जब हम को हमारी पहचान आती है तो कैसे आगे की यात्रा के लिए फिर हमारे कदमों में हिम्मत आती है
आज भी मुझ को वो पल याद है जब मैंने अनजानी लड़की को गौर से देखा था तो उस के साथ जीने की आरज़ू रूह में खिली उठी थी। चाहे लड़की अनजानी थी, फिर भी वो मुझे मेरी ही लगी।मुझे उस लड़की की अनजानी अवस्था मेरी खुद की ही अनजानी अवस्था लगी थी।
चाहे वक़्त बीतता चला गया, मैंने देखा कि वो लड़की उस अवस्था में ही रुकी हुई थी।
चाहे मेरे कदम आगे बढ़ते गए, पर वो लड़की उस अनजानी अवस्था में ही ठहरी हुई थी।
मुझ को बीत रहे वक़्त का एहसास था और उस लड़की को बीत रही आयु का एहसास था।
मैं जीने की चाहना से भरी मौत की तलाश में आगे कदम बढ़ा रही थी और वो लड़की मौत की आगोश में बैठी जीवन को समझने की कोशिश कर रही थी।
पता नहीं वो आयु वक़्त की थी या वो पल आयु के थे। हम दोनों एक दूसरे से अनजाने साथी बन चुक्के थे क्योंकि हम एक दूसरे को प्यार भी करने लगे थी। 'बिन कुछ बोलो और बिन कुछ लिखे' हम दोनों एक दूसरे की चाहना भी बन गई और एक दूसरे को ख़ुशी देने का प्रण भी कर लिया था।
एक दिन अचानक:
हम दोनों का एक दूसरे के साथ सहमना हो गया। मुझ को वक़्त का अंदाज़ा नहीं था और उस लड़की को आयु का अंदाज़ा नहीं था।'सॉरी 'आज वो लड़की लड़की नहीं थी वो एक औरत थी, पर उस को अपनी आयु का कुछ भी अंदाज़ा नहीं था। हम दोनों एक दूसरे के बहुत नज़दीक थी- मतलब कि आमने-सामने थी। चाहे हम ने कभी एक दूसरे को इतना नज़दीक से कभी देखा नहीं था, फिर भी हम दोनों सदा एक दूसरी के नज़दीक ही थी।
आज
वाओ!
हैरानी से भरा खेल हमारे आगे आया, तो हम दोनों का जीना ही बदल गया।
आज मैं समझी कि हम दोनों एक दूसरे की साथी कैसे थी?
आज समझी कि हम दोनों का साथ रहना एक ही क्यों था ?
आज समझ गई कि हम एक दूसरे की साथी नहीं थी, हम दोनों एक ही थी।
हम दोनों एक दूसरे के गवाही रूप थे।
मैं उस की भीतरी जीवन था और वो मेरा बाहरी संसार था।
मैं उस की आत्मा थी और वो मेरा मन -बुद्धि और जिस्म था।
आज चार आयाम का भी मिलना हुआ था।
आज चारों आयाम एक जगह बन गए थे।
मैंने मेरी इस औरत को सदा प्यार किया है, मुझे इस औरत के मन की अवस्था, माहौळ की परस्तिथि और संसारी हालत पर सदा भरोसा रहा है। आज मेरी व्यक्तिगत यात्रा पूरी हुई है और अब मैंने खुद की अगली यात्रा की ओर रवाना होना है - वो यात्रा जो तमाम जीवन को 'एक' करती है।