Intoxicated Feeling
Some parts of us are beyond the laws of Space and Time, which We know only When We are out of Space and Time
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We know so far only from our own shadow, that shadow is also made of reflection in us. Meaning that we know only by the shadow of the shadow. Self-knowledge doesn't come from the shadows, it's when the shadow ends, when we become aware of the deeper aspects of ourselves—that's when enlightenment begins.
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हम अभी तक खुद की परछाईं से ही जानू हैं, वो परछाईं भी हमारे में पर्तिकिर्या से बनी है . मतलब कि हम सिर्फ परछाईं की परछाईं से ही जानू हैं। आत्म-ज्ञान परछाई से नहीं मिलता, जब परछाईं खत्म हो जाती है तब , जब हम स्वयं के गहरे पहलुओं के प्रति सचेत होते हैं-तब आत्मज्ञान होना शुरू होता है।
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When does a struggle arise in a person?
When some part of life or something limits a person – the action taken against that limit is called struggle.
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व्यक्ति में संघर्ष कब पैदा होता है ?
जब जीवन का कोई हिस्सा या कोई चीज़ व्यक्ति को सीमित करती है- उस सीमा के खिलाफ लिए गए कदम को हम संघर्ष कहतें हैं।
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The main source of being aware is our 'our feelings'. We can never convert darkness into light without emotion, nor can we convert our own indifference into motion.
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जागरूक होने का मुख्य स्रोत है हमारा ' हमारी भावनाएं'. बिना भावना के अंधकार को प्रकाश में हम कभी भी बदल नहीं सकते और न ही हम खुद की उदासीनता को गति में परिवर्तित कर सकतें हैं।
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We cannot understand life only by intellect. The intellect knows only as much as we feel. Knowing deep always comes from deep down – When we go deep.
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हम बुद्धि से ही जीवन को नहीं समझ सकते। बुद्धि उतना ही जानती है, जितना हम महसूस करतें हैं। गहरा जानना सदा ही गहरे में से आता है- जब हम गहरे उतरते हैं।
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Existence is a fragrance, that formless form, that transcends space and time. The more we become subtle, the more we feel out of shape, and the more we experience happiness, peace, and freedom as we transcend the body.
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अस्तित्व एक खशबू है, जो कि निराकार रूप है, जो कि स्पेस और टाइम के पार है। जितना हम सूक्ष्म होते जातें हैं, उतना ही हम खुद को आकार-रहित अनुभव करते हैं,और उतने ही हम सुख, शांति और आज़ादी अनुभव करते हैं, क्योंकि हम जिस्म के पार हो जातें हैं
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हमारे कुछ हिस्से स्पेस और टाइम के कानून से पार हैं, जिन को हम तभी जान पातें हैं जब हम स्पेस और टाइम से बाहर हो जातें हैं