Love and Liberation
What is the relation between love in freedom and freedom in love? When these questions came to me and how I saw freedom and love, I describe the experiences of freedom that dealt with me.
How does it feel when Emotions Travel in the Journey of a free Soul, Have You enjoyed such a Journey? Such a Dimension here When emotions celebrate with Spirit? A wonderful Celebration of Wellness in the Physical Body and a Celebration of moving Thoughts in a Relaxed State of Mind - Wow - Have You ever seen a Celebration of such a Dimension?
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आज़ाद आत्मा की यात्रा में जब भावनाएं यात्रा करती है तो कैसा लगता है, क्या आप ने ऐसी यात्रा का आनंद लिया है? ऐसा आयाम यहाँ पर जब भावनाएं रूह के साथ जश्न मनाती हैं? भौतिक शरीर में तंदरुस्ती का अद्भुत जश्न और मन में आरामदेह अवस्था में चलती सोचों का जश्न- वाओ- क्या आप ने ऐसे आयाम का कभी जश्न देखा है?
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आज मेरा वजूद अपनी आज़ादी के पलों का जश्न मनाता है। आज़ाद रूह का जश्न : जिस के भीतर और बाहर भावनाएं और विचार भी खुद की आज़ादी का जश्न मना रहें हैं। विचारों की आज़ादी और भावनाओं की आज़ादी का ऐसा अकथनीय आयाम है -जो बस महा-आनंद है।
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In My moments of consciousness always hides Mystery and Wonder, Which is not only one in My Mental, Physical, Emotional and Spiritual Form, but One with the movement of all Life - Which always teaches me about DEATH.
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मेरे होश के पलों में सदा ही रहस्य और आश्चर्य छुपा होता है, जो मेरे मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप में ही एक नहीं होता बलिक तमाम जीवन की गति के साथ एक होता है- जो सदा ही मेरे को मौत की सीख देता है।
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The name of life is 'Newness', What is life? So the Question comes, How will innovation come? So it becomes Questionable. So I understood that only the process of Our progressing Steps can take us to Newness – If Our moving Steps have got the right Direction. Today, the Newness in me turns into Freshness and Smiles with the Smell of Wellness.
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जीवन का नाम है 'नयापन', जीवन है क्या? तो सवाल यह आता है नयापन कैसे आएगा? तो यह सवालमारिक बन जाता है। तो मैंने समझ लिया कि हमारे बढ़ते हुए कदमों की परिकर्मा ही हम को नयेपन में ले के जा सकती है-अगर हमारे बढ़ते हुए कदमों को सही दिशा मिली हो। आज मेरे में नयापन ही ताज़ापन बन कर तंदरुस्ती की महक से मुस्कराता है।
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My life is progressing very Rapidly, Transcending Nature and Entering into an Unknown but a Dimension of belongingness to ME. I do not know Where the destination will be, Whether there is a destination or not, I just knew that Today there is an Era in every moment, like Today there is a Destination in MY every Step.
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मेरा जीवन बहुत तेज़ी से बढ़ता हुआ, कुदरत को पार करता हुआ एक अनजाने पर मेरेपन के अपनेपन के आयाम में प्रवेश कर रहा है। मैं नहीं जानती कि मंज़िल कहाँ पर होगी, मंज़िल है कि नहीं है, बस यह जान गई कि आज हर पल में ही युग है जैसे आज मेरे हर कदम में मंज़िल है।
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The presence of Love was always my Guide and this Love ordered itself to quench My thirst and My hunger. With this order, the Power of understanding and the courage to fulfill the purpose was born in ME, Which itself then started moving forward in the unknown dimension. This permission of Love began to teach ME How to move forward without Body, Mind, Eyes, Ears and Intelligence. Then in This new world, the Mystery of everything started coming in me as Knowledge - due to Which I could easily meet in Happiness and Peace. Then I learned why all Religions call Love the GOD because Love is a truly wonderful Connection - That is Simple and Straightforward.
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प्यार की मजूदगी सदा ही मेरा मार्ग-दर्शिक बनी और इस प्यार ने मेरी प्यास और मेरी भूख को मिटा देना का खुद को ही आदेश दे दिया। इस आदेश के साथ ही मेरे में समझ की शक्ति और उद्देश्य को पूर्ण करने की हिम्मत ने जन्म ले लिया, जो खुद ही फिर अज्ञात आयाम में आगे बढ़ने लगी। प्यार की इस अनुमति ने मेरे को यह सीख देनी शुरू की कि कैसे शरीर, मन, आँख, कान और अक्ल के बिना आगे बढ़ना है। फिर इस नई दुनिया में सभी चीज़ का रहसय, ज्ञान बन कर मेरे में आने लगा - जिस से मैं सहजे ही ख़ुशी और शांति में समाने लगी। फिर मैंने जाना कि क्यों सब धर्मों ने प्यार को रब्ब कहा है क्यों कि प्यार वास्तव में अद्भुत कनेक्शन है - जो सीधा और सरल है।
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Our everyday Life is a discovery - Which instilled in ME the Love of the pursuit of Death. The Curiosity of Death began to teach ME the Art of Living. My deep wonder began the moment the moment made ME stand in the 'NOW'. My Curiosity was Satisfied the moment Curiosity recognized itself And When My search accepted to be always a Seeker, then at that very Moment I became a Traveler of the Dimension of the AGES.
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हमारी हर रोज़ की ज़िंदगी एक खोज है - जिस ने मेरे भीतर मौत की खोज का प्यार डाल दिया। मौत की जिज्ञासा ने मेरे को जीने में कलाकारी सिखानी शुरू कर दी मेरा गहरा आश्चर्य उस पल से शुरू हुआ जब पल ने मेरे को 'अभी' में खड़ा कर दिया।मेरी जिज्ञासा को उस पल ख़ुशी मिली जब जिज्ञासा ने खुद की जिज्ञासा को पहचान लिया और मेरी खोज ने सदा खोजी रहना ही जब कबूल किया तो मैं उस पल ही युगों के आयाम की यात्री बन गई।
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आज़ादी में प्यार और प्यार में आज़ादी का क्या सम्बन्ध है ? जब यह सवाल मेरे में आये और मैंने कैसे आज़ादी और प्यार को देखा, उन सब अनुभवों में जो आज़ादी का मेरे साथ व्यवहार था, उस का वर्णन करती हूँ