First step to a happy life
Questions must be born for awareness, or say that the questions arise at the same place where awareness takes place.
The experience of silence and deep twilight of death is very frequent,
how should death and questions be?
Have you ever thought?
What should life be like- Have you ever thought?
What should the relationship be like- Have you ever thought?
How to live - Have you ever thought?
No answer until the question. When the answer is no, what will we get in life, have you ever thought?
Whenever we ask ourselves any other question, we will think. If thinking becomes a thought then the idea will be born. If the idea is born, then life will automatically go towards success.
The place where we are standing was our wish. Today, if you get bored of this place, do not be impatient, only the question is to adopt which place to go from this place. Whether place or relationship; Feelings or thinking. I am always with you.
Do you know that patience or impatience; Trust or cheat; Hope or despair; Be it reverence or stupidity; Courage or laziness: Whatever this quality is, not just feeling, not just a quality, all of these take shape. Whether the shape of man or animal. You have to look everywhere, whatever you have got, it is only for you because you needed this quality and it is.
The first step to a happy life is to be aware.
The first step to be aware is to question yourself and then think about the question. In doing this, life is not only happy, our intelligence and our power of memory comes in well-being.
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खुशहाल जीवन के लिए पहला कदम
जागरूकता केलिए सवालों का पैदा होना ज़रूरी है, या कहो कि सवाल वही पर पैदा होतें हैं,जहाँ पर जागरूकता होती है
चुप और मौत की गहरी सांझ का अनुभव बहुत बार हो चुक्का है,
चुप और मौत की गहरी सांझ का अनुभव बहुत बार हो चुक्का है,
मौत और सवाल कैसे होने चाहिए- क्या कभी सोचा है ?
ज़िंदगी कैसी होनी चाहिए- क्या कभी सोचा है ?
रिश्ता कैसा होना चाहिए- क्या कभी सोचा है?
जीना कैसे चाहिए- क्या कभी सोचा है ?
जब तक सवाल नहीं, तब तक जवाब नहीं। जब जवाब नहीं, तो जीवन में हम को किस चीज़ की प्राप्ति होगी, क्या कभी सोचा है ?
जब भी हम खुद को कभी भी और कोई भी सवाल करेंगे, तो हमारे में सोच आयेगी। अगर सोच विचारना बन गई तो आईडिया पैदा होगा. आईडिया पैदा हो गया, तो कामयाबी की ओर ज़िंदगी खुद-ब-खुद जाने लगेगी।
हम जिस जगह पर भी खड़े हैं, वो हमारी ही चाहना थी। आज अगर इस जगह से ऊब आती है तो बेसब्री नहीं, सिर्फ सवाल को ही अपनाना है कि इस जगह से किस जगह की ओर जाना है। जगह चाहे रिश्ते हो या हालत; भावना हो या सोच। मैं सदा आप के साथ हूँ।
क्या आप यह जानते हो कि सब्र या बेसब्री ; भरोसा हो या धोखा; आशा हो या निराशा ; श्रद्धा हो या बेवकूफी; हिम्मत या आलसीपन: जो भी यह सब गुणवत्ता होती है, सिर्फ एहसास नहीं, सिर्फ एक गुण ही नहीं, यह सब ही आकार लेते हैं। चाहे आकार इंसान का ले- या जानवर का। आपने हर तरफ देखना, जो भी आप को मिला हुआ है, वो इस लिए ही मिला है आप को क्योंकि आप को इस गुणवत्ता की ज़रुरत थी और है।
खुशहाल जीवन केलिए पहला कदम है - जागरूक रहना।
जागरूक रहने केलिए पहला कदम है, खुद को सवाल करने और फिर सवाल के बारे में विचरना। ऐसा करने में जीवन ही खुशहाल नहीं होता, हमारी अक्ल और हमारी याद-शक्ति में ही तंदरुस्ती आती है।