This is what I learned and understood from life and also learned that every human being needs one thing very much, that is education. Education is not that one should have a degree, education should be one with which a person can understand life. What is knowing? What is understanding? What is recognized? And what to believe? When we understand these four questions, then the art of living comes in us. This art is such that life gets embodied in the veneer of health. Because we start seeing life so deeply that diseases are far away and we live life at the highest level. I will share these four questions with all of you from different direction and from different condition.
From today onwards, we will follow the path of life that makes life an art
and tells you how to live!
मैंने ज़िंदगी से यही जाना और समझा और सीखा भी यही है कि हर इंसान को एक चीज़ की बहुत ही ज़्यादा ज़रुरत है, वो है एजुकेशन। एजुकेशन वो नहीं चाहिए, कि उस के पास डिग्री आ जाए , एजुकेशन वो चाहिए जिस के साथ व्यक्ति को जीने की समझ आ जाए। जानना क्या होता है ?समझना क्या होता है ? पहचाना क्या होता है ? और मानना क्या है? जब हम को इन चार सवालों की समझ आ जाती है तो हमारे में जीने की कला आ जाती है। यह कला ऐसी है कि ज़िंदगी तंदरुस्ती के लिबास में सज जाती है।क्योंकि हम इतने गहरे से जीवन को देखना शुरू कर देतें हैं कि रोग तो दूर होतें ही हैं और हम ज़िंदगी को अधियत्मिक लेवल पर जीन लगतें हैं। इन चारों सवालों को अलग अलग दिशा से और अलग अलग दशा से आप सब के साथ सांझा करूंगी।
आज से हम ज़िंदगी के उस राह पर ही चलेंगे जो जीने को कला बना दे
और जीना का सलीका बता दे !