Let's enjoy this stage of life too
When I was writing yesterday, my mind was moving along with the thought that what can I do then?If there are parts of life that I cannot even think of, then there must be some that I can enter that part of my life without any hesitation, what are they, about them today Let's talk something
First of all:
1. I can call any unknown person quickly, I can talk to him/her. In the same way if I am hungry, but I do not eat hotel food outside, then I immediately tap the door of any house and say comfortably that I am hungry and I have to eat the food of the house. So give me food. Like any business person, you have to buy something from him/her, how is his behavior, according to behavior, I give the value of the thing.
(This happens in India)
In America, there are people with such work, wherever I go, just friendship. I take the thing, just as we in India give some gifts in the form of love, so I give the money as a gift. Meaning that no matter what part of life, no matter how unknown, I never feel anything unknown, just mine and I belong to them. This feeling works in me. That means I call the person going on the road, and I have dinner with him /her. Who will give money - The decision of this is based on the conversation of both. Meaning that every worldly thing belongs to me.
2- I also do this work very quickly. Bus or train. Everyone has to eat together. Here the same thinking works, do it either eat food from me or feed me with you. There is no other choice, just have to do it. For example, ask the people sitting in the train whether you will change your food with me today. Whether it is a train or air plane , there is no difference, because every Indian passenger carries food with them. When I have to travel, I always have something to eat for 10 to 20 people.
3- The most beautiful thing I can do is that I am a very helpful person. My action for the truly needy, my thinking, my walking with the needy, has been a blessing till date. I never turn back.
4 - Never delay in taking action. The action that will be good for everyone, whether I get the title of brainless, it doesn't matter to me. Because I have love in my heart and I love everyone. If someone make a mistake again and again, even if I start staying away from that person, I never get away.
5 - I always saw for myself that my fault would not be borne by me. Mistake is never tolerated by me, so when I make a mistake, it becomes very difficult for me to be with me. Even if the mistake tells me that now your thinking, the way of your life has started changing, but the mistake will always run in my veins as blood. The pungent pain of mistake always keeps my wounds fresh, never lets the wounds go. I can never bear my fault. If I can't bring back the time, what should I do? I made no mistake the second time. I have made a lot of mistake, it still happens today, because it is a singular symbol of life's revenge.
7- If someone's love has come to me, then I say it immediately, just like when I abuse someone, even if I abuse myself in my heart, but I also tell him/her immediately.
It is my nature, which describes itself, by taking such action. Despite this nature, I have not been with anyone till date.
Why?
Like:
Because the mother wanted a daughter. I could not become such a daughter. Because I could see God in every woman. The difference has never happened to me, so I failed.
Whatever it is, it is like that, it had to be like that, whatever it is, it is just mine, it was my understanding. Everyone will like me, but will not walk with me, because I have no limits, I have seen my life like a sky and lived in such a life, and will live like this forever.
Because I know how it is, after all we are all the same. My path is silent and empty, nothing is visible far, but it is very beautiful and very deep. Today I am walking, so the joy of this walk is unmatched and wonderful.
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चलो ज़िंदगी के इस मुकाम का भी मज़ा ले लें
जब मैं कल लिख रही थी तो मेरा दिमाग साथ साथ ही इस सोच को ले के चल रहा था कि, फिर मैं क्या क्या कर सकती हूँ?सब से पहला :
1- किसी भी अनजाने व्यक्ति को झट से बुला सकती हूँ, उस से बात कर सकती हूँ। ऐसे ही अगर मेरे को भूख लगी हो, पर मैंने बाहर होटल का खाना नहीं खाना तो मैं झट से किसी भी घर का दरवाज़ा थपथपा देती हूँ और आराम से कहती हूँ कि मेरे को भूख लगी है और मैंने घर का ही खाना खाना है। सो मेरे को खाना दे दो। ऐसे ही कोई भी काम-धंधे वाला व्यक्ति हो, उस से चीज़ खरीदनी है, कैसे उस का व्यवहार है, व्यवहार के हिसाब से चीज़ का मूल्य दे देती हूँ।
(ऐसा इंडिया में होता है ) अमेरिका में जो ऐसे काम वाले लोग हैं, जहाँ पर भी गई, बस दोस्ती। चीज़ लेती हूँ, जैसे इंडिया में हम सब को प्यार के रूप में कुछ गिफ्ट देतें हैं, तो वैसे ही मैं पैसे को गिफ्ट के रूप में दे देती हूँ। मतलब कि ज़िंदगी का कोई भी हिस्सा हो, कितना भी अनजाना हो, मेरे को कभी भी कुछ भी अनजाना नहीं लगता, बस मेरा है और मैं उन की हूँ। यही भाव मेरे में काम करता है। मतलब कि सड़क पर जाते व्यक्ति को बुला लेती हूँ, और कुर्सी पर बिठा के उस के साथ खाना खा लेती हूँ। पैसे कौन देगा - इस का फैंसला दोनों की बातचीत पर आधारित होता है। मतलब कि मेरे लिए हर संसारी चीज़ मेरी है।
मालिक होने का दावा करने की ज़रुरत नहीं,
बस भाव शुद्ध और असली होना चाहिए।
2- दूसरा यह काम भी मैं बहुत जल्दी करती हूँ। बस हो या ट्रैन। सब ने मिल कर खाना खाना है। यहाँ पर एक ही सोच काम करती है कि ऐसे करो या तो मेरे से खाना खा लो या मेरे को आपने साथ खिला लो। दूसरी और कोई भी चॉइस नहीं है , बस करना ही है। जैसे ट्रैन में बैठे लोगों से पूछ लेना है कि क्या आज आप मेरे साथ आपने खाने को चेंज करोगे। ट्रैन हो या जहाज़ कोई फर्क नहीं , क्योंकि हर इंडियन यात्री घर का खाना साथ लेके ही चलता है। जब मैंने सफ़र करना है तो मेरे पास सदा ही १० से ले के २० लोगों के लिए कुछ न कुछ खाने के लिए होता ही है।
3- सब से सूंदर जो मैं कर सकती हूँ , वो यह है कि मैं बहुत अच्छी मददगार हूँ। सच्चे ज़रूरतमंद केलिए मेरा एक्शन, मेरी सोच, मेरा ज़रूरतमंद के साथ चलना ,आज तक एक दुआ ही रहा है। मैं कभी लीछे नहीं मुड़ती।
4- एक्शन लेने में कभी देरी नहीं करती। वो एक्शन जो सब लिए अच्छा होगा, चाहे मेरे को बेवक़ूफ़ का खिताब मिले, कोई फर्क नहीं पड़ता मेरे को। क्योंकि मेरे दिल में प्यार है और मैं सब को प्यार करती हूँ। अगर कोई गलती बार बार करे तो चाहे मैं उस व्यक्ति से दूर रहने लगती हूँ, पर कभी दूर होती नहीं।
5- मैंने सदा ही खुद को देखा कि मेरे से मेरी गलती नहीं झेली जाती। गलती लफ्ज़ ही मेरे से कभी बर्दाश्त नहीं होता , तो जब मेरे से कोई गलती हो जाए, तो मेरा मेरे साथ रहना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। चाहे गलती मेरे को बता देती है कि अब तेरी सोच का, तेरी ज़िंदगी का राह बदलने लगा है, पर फिर भी ग़लती सदा मेरी रगों में खून बन कर दौड़ती। गलती की तीख़ी दर्द सदा मेरे ज़ख्म ताज़ा रखती है, कभी ज़ख्म को जाने नहीं देती। मेरे से कभी मेरी गलती सहन नहीं होती। गलती ते हो गई, वक़्त को वापस ला नहीं सकती तो क्या करूं ? कोई भी गलती मैंने दूसरी बार नहीं की। मेरे से बहुत गलती हुई है, आज भी होती है , क्यों कि यह ज़िंदगी की बदलाहट का सिंगनल है।
6- मेरी सब से अच्छी क्वालिटी यह है कि मेरे में त्याग की भावना बहुत ज़बरदस्त है। हालत हो या हालात, अगर इन से नुक्सान होता है, ज़िंदगी का या वक़्त का, उस को छोड़ देना बहुत सरल है मेरे लिए।
7- अगर मेरे को किसी का प्यार आ गया तो झट कह देती हूँ, बिलकुल ऐसे ही जब किसी को गाली देती हूँ, चाहे मैं खुद के दिल में ही गाली देती हूँ, पर झट उस को भी बता देती हूँ।
यह मेरा स्वभाव है, जो खुद को ही ब्यान करता है, ऐसे एक्शन ले ले कर।
ऐसा स्वभाव होने के बावजूद भी ,मेरी आज तक किसी से भी बनी नहीं।
क्यों ?
जैसे:
क्योंकि माँ को एक बेटी चाहिए थी। मैं वैसी बेटी बन नहीं सकी। क्यों की मेरे को हर औरत में रब्ब दिखाई देता था। फर्क मेरे से कभी हुआ नहीं, सो मैं फेल हुई।
क्योंकि मैं जानती हूँ कि कैसे भी हैं, आखिर में हम सब एक ही हैं। मेरा रास्ता चुपचाप और ख़ाली है, दूर तक कुछ भी दिखाई नहीं देता, पर बहुत ही सूंदर और बहुत ही गहरा है। आज मैं चल रही हूँ, तो इस चलने का आनंद बेमिसाल और लाजवाब है।