From countless end to infinity
then life becomes a very beautiful game
But the destination is one. This infinity leads only to that one. Despite being infinite, the end is only on one. The art of seeing a small particle also opens the door to that infinity. No matter what dialect or any words, all of them also knock at the door of infinity.
Whenever the freshness of the morning opens the door of my eyes, it also opens a new window to the art of seeing life.
God can be earned not just by religious name but by every name
God can be earned everywhere, not only from a religious place
Only we need our powerful trust. Trust is a weapon that does not need war, which wins at the end, no matter the direction.
Just like our face should be towards the sun to see the sun, in the same way our face should also be towards God.
I see that in every step, in every direction, in every moment, in every breath, in every color, in every form, in every shape, in every thought, in every emotion, there is the same taste.
Just like we eat anything for hunger, in the end only blood is formed, then only the breath of life goes on, do whatever, finally you have to enter yourself, stop at the same, stay at the same, there What is, is true, only that is true.
Just one thing,
Wish money or god
Relationship or name
Just want awareness, nothing else.
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जब ज़िंदगी की नब्ज़ व्यक्ति की पहचान बन जाती है,
तब ज़िंदगी बहुत ही खूबसूरत खेल बन जाती है
बे-अंत से अनंत की ओर
पर मंज़िल एक है। यह अनंतता उस एक की ओर ही जाती है। अनंत होने के बावजूद भी अंत एक पर ही होता है। एक छोटे से कण को देखने की कला भी उस अनंतता का दरवाज़ा खोल देती है। कोई भी बोली हो या कोई भी अलफ़ाज़ हो, वो सब भी अनंतता के दरवाज़े पर दस्तक दे देता है।
जब भी सुबह की ताज़गी मेरी आँखों के दरवाज़े को खोलती है तो साथ ही ज़िंदगी को देखने की कला के लिए नई खिड़की भी खोलती है।
खुदा को धार्मिक नाम से ही नहीं, हर नाम से कमाया जा सकता है
खुदा को धार्मिक जगह से ही नहीं, हर जगह से कमाया जा सकता है
सिर्फ हम को हमारा शक्तिशाली भरोसा चाहिए। भरोसा एक ऐसा हथियार है, जिस को जंग की ज़रूरत नहीं होती, जो आखिर को जीतता ही है, दिशा कोई भी हो।
जैसे सूर्य को देखने के लिए हमारा चेहरा सूर्य की ओर होना चाहिए, बिलकुल वैसे ही हमारे मन का चेहरा भी खुदा की ओर होना चाहिए।
मैं देखती हूँ कि हर कदम में , हर ज़र्रे में, हर पल में, हर सांस में, हर रंग में, हर रूप में, हर आकार में, हर सोच में , हर भावना में, एक ही स्वाद है।
जैसे हम भूख केलिए कुछ भी खाएं, आखिर में खून ही बनता है, तो ही ज़िंदगी की साँसैं चलती है , वैसे ही कुछ भी करो , आखिर में खुद में ही प्रवेश करना है, वही पर रुकना है, वही पर ठहरना है, वहां पर जो है, वही सच है, सिर्फ वो ही सच है।
सिर्फ एक ही चीज़,
धन कामना है या खुदा
रिश्ता है या नाम
सिर्फ जागरूकता चाहिए, और कुछ भी नहीं।