Watching and Understanding Yourself:
The first step in wanting to live life with full devotion is
when I wanted to know my own habit
Habit and nature: # 1
To reveal the nature is known as habit. The basic root of habit depends on the person's understanding. Understanding is related to the% of wisdom. Whether the person is in any condition or in any environment - his behavior will always reflect his understanding.
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आदत और स्वभाव : # १
स्वभाव को प्रगट करने की किर्या को आदत कहतें हैं। आदत की मूल जड़ व्यक्ति की समझ पर निर्भर है। समझ का सम्बन्ध अक्ल की %पर है। व्यक्ति किसी भी हालत में हो या किसी भी माहौल में पल रहा हो -उस का व्यवहार सदा उस की समझ को ही दर्शायेगा।
खुद को गौर से देखना और समझना:
ज़िंदगी को पूरी शिद्त से जीने की चाहत का पहला कदम है,
यह मैंने तब जाना, जब मैंने खुद की आदत को जानना चाहा
Habit and nature: # 2
According to understanding, there will be the tone of human speaking. Before talking, it is important to keep some questions in your mind.
1- What subject do we talk about?
2- With whom to talk
3- How important is our conversation
Even if we are illiterate. Many letters are not even identified, the tone of the word that we will express will reflect our understanding, because it is our habit to turn around, which makes us maintain a relationship with others.
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आदत और स्वभाव : # २
समझ के अनुसार ही इंसान के बोलना का लहजा होगा। बात करने से पहले कुछ सवालों को आपने जिह्न में रखना ज़रूरी होता है।
१- हम ने किस विषय पर बात करनी है
२- किस के साथ बात करनी है
३- हमारी बातचीत की कितनी ज़रुरत है
चाहे हम अनपढ़ ही हो। बहुते लफ़्ज़ों की पहचान भी न हो, हमारा जो लफ्ज़ उच्चारने का लहज़ा होगा, वोही हमारी समझ को प्रगट कर देगा ,क्योंकि परगट करने का अंदाज़ ही हमारी आदत होती है, जिस से हमारा दूसरे के साथ संबंध कायम होता है।
What's the habit?
How do we habitually identify a human being who owns this kind of understanding?
आदत क्या है?
हम आदत से कैसे इंसान को पहचान लेते हैं कि यह इस किस्म की समझ का मालिक है ?