No one can do anything, which we have got natural method, to heal any part of life, there can be no better method than nature. Just like today I look at nature, know and understand, which will understand me, when I want to explain that understanding, then I will not be able to say what I feel is 100%. Whatever may be a great person, one will never be able to say a part. Why? Because this part remains, this part is unique to everyone- and mysterious. It is from this part that a person reveals a different character, unique elegance. The deepest beauty of this part is that this part is the same but we all have different feeling to see, understand and believe and this part is very mysterious.
The glimpse of this part gives us 100% confidence in God. Before this, no matter how much we say that we have full faith in God, this cannot happen. What is this glimpse - what is this?
Whenever we go, it seems that the moon is just with us. In exactly the same way, our state becomes childish and the condition becomes cosmic.
Have you ever seen yourself blossom from within like a flower?
In moments of deep love, when a boy and a girl mean that the love of both of them is adorned, bachelor and fresh like new fruit , like new morning - the feeling of unknown moments - the unknown intoxication situation - the time in which romance happens in their particles. Moments that are not handled, creating an unconscious environment - in this unconscious which is moving in the particle, In which life is in full aliveness.
We live like that
We bloom like flowers
A freshness - a newness makes us grow into the center of the universe.
The beauty: that blossoms into loneliness that blossomed like the universe; As soon as our eyes are opened, we remember everything, similarly such a uniqueness: which seems beautiful, which seems to be true, in which we have risen like we have died. Such a mysterious atmosphere: from which we are unaware that the game like Madari ( juggler ) shows such that one does not even know what is going to happen next.
Silent in deep beauty
Unknowable in deep mystery, who knows everything
Such a uniqueness, which only gives the senses that you unconscious
All these will get it from nature itself - and from nowhere.
Books: Religious or Literature
Everything visible, whatever it may be, will take us to the shore of the sea. How we have to cross the sea from there, we all have our own identity. In order to cross this sea, we must have an understanding of three things. Which we will get by nature - this is the way.
Here, you must ask yourself the question that you can go by any path, become the identity of any religion, one thing is the same of all, 'silent'
Silent nor muslim nor hindu
Silent nor italian nor japanese
Silent nor white nor black
Quiet is our nature
Quiet is our natural foundation
Three things are needed to silence the mind
1- Beauty
2- Sanctity
3- Truth
These three things are fresh and new only through nature.
When we read any book, which we like very much, and we become one with the writer. In the same way, the beauty of nature unites us with the universe.
कोई भी ,कुछ भी करे , जो हम को कुदरती विधि मिली हुई है , ज़िंदगी के किसे भी हिस्से को हील करने केलिए, उस से बेहतर विधि और कोई भी हो नहीं सकती। जैसे आज मैं कुदरत की ओर देखो, जानू और समझूँ, जो मेरी को समझ आएगी , जब मैं उस समझ को समझाना चाहूंगी तो जो मेरी अनुभूति है, उस को मैं १००% नहीं कह सकूंगी। कोई भी महापुरष हो ,वो भी एक हिस्सा कभी भी ब्यान नहीं कर सकेगा। क्यों ? क्योंकि यह जो हिस्सा रह जाता है, यह हिस्सा सब केलिए अनूठा है- और रहस्यमई है। इस हिस्से से ही व्यक्ति को व्यक्ति की अलग किरदार, अनूठी शान का पता चलता है। इस हिस्से की सब से गहरी सुंदरता यही है कि यह हिस्सा एक ही है पर हम सब के देखने ,समझने और मानने की अनुभूति अलग है और इस हिस्से की झलक हम को खुदा पर १००% भरोसा दिलवाती है। इस से पहले हम कितना भी कहें कि हम को खुदा पर पूर्ण भरोसा है , यह नहीं हो सकता। यह जो झलक है -यह क्या है ?
जैसे कहीं भी जाएँ ,ऐसे लगता है कि चाँद बस हमारे साथ ही है। बिलकुल ऐसे ही हमारी अवस्था बचपन की हो जाती है और स्थिति ब्रह्माण्ड की हो जाती है।
क्या कभी आप ने खुद को फूल की तरह भीतर से खिलते देखा है ?
गहरे प्यार के पलों में जब एक लड़का और एक लड़की मतलब कि दोनों का ही प्यार सजरा हो, कवारा हो -अनजाने पलों का एहसास -अनजानी मदहोशी -उस वक़्त जो रोमांस उन के कण कण में होता है। सहारा नहीं जाता पर बेहोश करता है -इस बेहोशी में जो कण कण में हो रही हिलजुल है-
जो यह जिन्दापन है |
जो यह जिन्दापन है |
वैसा ही हमारे में जिन्दापन होता है
हम फूल की तरह खिल रहें होतें हैं
एक सजरापन -एक नयापन हम को ब्रह्माण्ड के सेंटर में जैसे उगा देता है।
वो सुंदरता : जो अकेलेपन में ऐसे खिले कि ब्रह्माण्ड ही जैसे खिल गया ; जैसे हमारी आंखें खुलती हैं तो हम को सब याद आ गया, वैसे ही ऐसा अनूठापन: जो सूंदर लगे, जो अपना लगे, जो सच लगे, जिस में हम ऐसे जी उठे जैसे मर ही गए। ऐसा रहस्या भरा माहौल : जिस से हम ऐसे अनजान हैं कि जैसे मदारी खेल ऐसे दिखाता है कि जैसे उस को भी पता नहीं कि आगे क्या होने वाला है।
गहरी सुंदरता में चुप
गहरे रहस्या में ऐसे अनजाने ,जो सब जानते हैं
ऐसा अनूठापन , जो सिर्फ ऐसा होश देता है कि बेहोश हो जातें हैं
यह तीनों हम को कुदरत से ही मिलेगी - और कहीं से भी नहीं।
किताबें: धार्मिक हो या लिटरेचर
व्यक्ति: कोई गुरु हो या कोई भी विद्वान
दिखाई देने वाली हर चीज़, कोई भी हो , हम को समुन्दर के किनारे पर ले जायेगी। वहां पर से हम ने कैसे समुन्दर पार करना है यह हमारी सब की अपनी अपनी पहचान है। इस समुन्दर को पार करने के लिए हमारे पास तीन चीज़ की समझ का होना ज़रूरी है। जो हम को कुदरत से मिलेगी -यही राह है। यहाँ पर यह सवाल खुद से ज़रूर पूछ लेना कि किसी भी राह से जाएँ, कोई भी धर्म की पहचान बन कर जाएँ, एक चीज़ सब की एक ही है 'चुप'
चुप न ही मुस्लिम है और ना ही हिन्दू
चुप ना ही इतालियन है और ना ही जापानी
चुप ना ही गोरी है और ना ही काली
चुप हमारा स्वभाव है
चुप हमारी कुदरती बुनियाद है
मन को चुप करवाने केलिए तीन चीज़ की ज़रुरत है
१- सुंदरता
२- पवित्रता
३- सत्य
यह तीन चीज़ें ताज़ी और नई सिर्फ कुदरत से ही मिलेगी।
जब हम कोई भी किताब पढ़तें हैं, जो हम को बहुत पसंद आती है, और हम लेखिक के साथ एक हो जातें हैं। वैसे ही कुदरत की सुंदरता हम को ब्रह्माण्ड के साथ एक कर देती है।