I was surprised that I had never been shy with anyone, only you had been shy with the Bapu ji (father). The rest of the house is not from any man - just from my Bapu ji, why? No one could solve this question for me, just waiting for time. Call it time or understanding; For me both are the same.
I once saw that father and me were left in the room. We were both having dinner. Maa went out to get something. I saw that my eyesight and Bapu ji's eyes were united, then both of us started looking down immediately. Right now I was thinking that I eat the rest of the food outside, but before me Bapu ji got up and went out.
Through this incident, I came to know that Bapu ji is very shy of me. The flow of shame was very deep in both of us. When I went to India from Canada, for the first time Bapu ji told me one thing.
"Thank you dear that your clothes has not changed." It should be the same even today as it was before. ''
I was surprised that Bapu ji told me this.
I have never done makeup and never wore any jewel. The clothes were also very simple, and today for the first time I came to know that Bapu ji did not like the same things. This was the first time Bapu ji spoke to me for me.
When Bapuji came to Canada, I said this to me there another time.
"Daughter, as you have handled your home, seeing this understanding of you, today I tell you one thing that you are my ideal woman".
I looked at Bapu ji's face and hugged Bapu ji.
When Bapu was taking his last breaths, his last words.
"Daughter, I care a lot about you, you don't have the world as you are, what will happen to you?"
Bapu ji's skin color was very fair and peach colored aura came out of the skin. Kamali-Ramli (very simple style) was a turban. Bapu ji's shyness used to add beauty to Bapu ji's nature. Bapu was very shy.
Our relationship was with the father and daughter, more than that we were also pearls for each other. Bapu ji's nature was so decent that he also became my ideal-man.
Even today, a lot of time has passed for Bapu ji, but even today, he is alive in me, as if he was not dead, it seems as if I have the illusion that Bapu ji was dead. It is a miracle to be so close even after death. I never missed him.
Even today we cannot sit and drink tea together - but still it seems that he is with me forever.
Because love is such a vibe, the more love has depth and purity, the more love never lets the feeling of love go away.
Whatever the relationship is,the foundation is only love and trust,just like perfectionwhen the relationshipbecomes the Ideal
Today, blessing all the fathers on Father's Day so that they always give children understanding of healthy thinking!
मैंने हैरान थी कि मैं कभी किसी से भी नहीं शर्माती थी, सिर्फ आपने बाप से शर्माती थी। घर के बाकी किसी भी मर्द से नहीं -सिर्फ बापू जी से , क्यों? यह सवाल मेरे लिए कोई नहीं हल कर सकता था, सिर्फ वक़्त का इंतज़ार था।
इस को वक़्त कहूं या समझ कहूं; मेरे लिए दोनों एक ही हैं।
मैंने एक बार देखा कि कमरे में मैं और बापू जी रह गए। हम दोनों खाना खा रहे थे। बीबी कुछ लेने के लिए बाहर गई। मैंने देखा कि मेरी नज़र और बापू जी की नज़र एक हुई तो हम दोनों ने ही झट से नीचे देखना शुरू कर दिया। अभी मैं सोच रही थी कि मैं बाकी का खाना बाहर जा कर खाती हूं , पर मेरे से पहले बापू जी उठ कर बाहर चले गए।
इस वारदात से मैं जान गई कि बापू जी भी मेरे से बहुत शर्माते हैं। हम दोनों में लज्जा का प्रवाह बहुत गहरा था। जब मैं कनाड़ा से इंडिया गई, तो पहली बार बापू जी ने मेरे को एक बात कही।
'' शुक्र ऐ dear कि आप का पहरावा बदला नहीं। जैसे पहले थी आज भी वैसी ही हो।''
मैं हैरान थी कि बापू जी ने मेरे को यह कहा था।
मैंने कभी मेकअप नहीं किया और ना ही कभी कोई गहना पहना था। कपडे भी बस बहुत सादे होते थे।और आज पहली बार मेरे को पता लगा कि बापू जी को भी वैसी चीज़ें पसंद नहीं थी। यह पहली बार बापू जी ने मेरे लिए मेरे से बात की थी।
जब बापू जी Canada मेरे पास आये, तो वहां पर मेरे को दूसरी वार यह कहा था।
'' बेटी, जैसे तुम ने आपने घर को संभालती हो, यह आप की समझ देख कर आज मैं आप को एक बात कहता हूं कि आप मेरी आइडियल औरत हो ''
मैंने बापू जी के चेहरे की ओर देखा और बापू जी को झप्पी दी।
जब बापू जी की आखरी साँसें ले रही थे , उन के आखरी बोल।
'' बेटी , मेरे को तेरी बहुत फ़िक्र है , जैसी तू हैं ,वैसा संसार नहीं है , तेरा क्या होगा ?''
बापू जी।
बापू जी का स्किन कलर बहुत गोरा और स्किन में से पीच रंग की आभा निकलती थी। कमली-रमली पगड़ी होती थी। बापू जी का शर्माना , बापू जी के स्वभाव की शोभा बढ़ा देता था। बहुत ही शर्मीलेपन से भरे हुए बापूजी थे।
हमारा रिश्ता बाप बेटी का तो था ही , उस से ज़्यादा हम दोनों एक दूसरे के लिए सुचे मोती भी थे। बापू जी का स्वभाव इतना decent था कि वो मेरे ideal -man भी बन गए।
आज चाहे बापू जी को गए बहुत वक़्त बीत गया पर आज भी वो मेरे में ऐसे ज़िंदा हैं, जैसे कि वो मरे ही नहीं थे, बस ऐसे लगता है कि जैसे मेरे को भ्रम है कि बापू जी मर गए थे। मरने के बाद भी इतनी नज़दीकी होनी एक चमत्कार है। मैंने कभी भी उन को मिस नहीं किया।
चाहे आज हम साथ बैठ कर चाय नहीं पी सकते-पर फिर भी ऐसे लगता है कि वो सदा मेरे साथ है।
क्योंकि प्यार एक ऐसा तत्त है, जितनी प्यार में गहराई और purity होगी, उतना ही प्यार कभी प्यार भरे एहसास को दूर नहीं होने देता।
आज सभी बाप को Father's day की ऐसी दुआ कि वो सदा आपने बच्चों को तंदरुस्त सोच की समझ दे !
रिश्ता कोई भी हो उस की बुनियाद सिर्फ प्यार और भरोसा है,वैसे ही पूर्णता जब रिश्ता आदर्श बन जाता है